नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा, 10,000 तक हो सकती है मरने वालों की संख्या

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नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने मंगलवार को कहा कि शनिवार को आए भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या 10 हजार तक पहुंचने की आशंका है। ऐसे में घरेलू और विदेशी मदद से राहत और बचाव कार्यों में और तेजी लाने की जरूरत है।
कोइराला ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह देश के लिए चुनौतीपूर्ण एवं बेहद कठिन घड़ी है। सरकार राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जो कुछ भी कर सकती है उसे युद्ध स्तर पर कर रही है। लेकिन प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह प्रभावित नेपाल को और तंबुओं और दवाइयों की आवश्यकता है। लोग घरों के बाहर खुले में सोने को मजबूर हैं।

इस बीच प्रधानमंत्री ने एक सर्वदलीय बैठक में स्वीकार किया कि राहत एवं बचाव कार्य कोई खास प्रभावी साबित नहीं हो पा रहे। उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष एस नेमबांग द्वारा आयोजित इस बैठक में राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में कदम से कदम मिलाकर काम करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि देश को बाहर से अच्छी मदद मिल रही है, लेकिन विशेषज्ञों की कमी के कारण प्रभावितों को ठीक तरीके से सहायता नहीं पहुंच पा रही है। कोइराला ने कहा कि सरकार लोगों तक राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास को लेकर बेहद संवेदनशील है। उन्होंने लोगों से रक्त दान करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार बडी संख्या में प्रभावितों को टेंट, दवाइयां, भोजन और पेयजल उपलब्ध कराने के साथ -साथ स्वयं सेवक दलों को भी राहत कार्यों के लिए भेज रही है।

सरकारी आंकडों के अनुसार नेपाल में भूकंप से अबतक करीब 4352 लोग मारे जा चुके हैं और आठ हजार से अधिक जख्मी हुए हैं। मलबों से शवों को निकालने का काम चल रहा है ऐसे में मृतकों की संख्या बढने की आशंका है। जंमीदोंज हुए मकानों और भवनों में जिंदा फंसे लोगों को बचाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। प्रधानमंत्री ने राहत और बचाव अभियान में तेजी लाने का आदेश दिया है।

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भवानीपुर में महिला को जिंदा जलाया

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भागलपुर। भवानीपुर थानाक्षेत्र के नगरपाड़ा में रहने वाले एक व्यक्ति ने शक के कारण दोस्तों के साथ मिलकर पहले पत्नी की पिटाई की, फिर किरोसिन तेल छिड़ककर उसे आग के हवाले कर दिया। यह दिल दहलाने वाली घटना सोमवार रात की है। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मीनू कुमारी (30 वर्ष) बुधवार को अपने भाई प्रेमनाथ मिश्र की शादी में शरीक होने के लिए तैयारी कर रही थी। उसे नवटोलिया जाना था। लेकिन उसके पति सिकंदर उर्फ चंदन झा को उसका वहां जाना नागवार गुजर रहा था। चंदन और मीनू की शादी पंद्रह साल पहले हुई थी। चंदन ने योजनाबद्ध तरीके से दस वर्षीय बेटी जूही को नवटोलिया स्थित ननिहाल भेज दिया। सोमवार की रात वह छह दोस्तों के साथ घर पहुंचा और पत्नी को पीटने लगे। महिला को पीटते-पीटते निर्वस्त्र कर दिया। इसके बाद केरोसिन का तेल छिड़ककर मीनू को जिंदा जला डाला। चंदन के 12 वर्षीय बेटे अभिषेक ने बताया कि वारदात को अंजाम देने से पहले चंदन ने दोस्तों के साथ घर पर गांजा पिया था। बेटे के मुताबिक दंपती के बीच अक्सर झगड़े होते थे। चंदन कोई काम नहीं करता है। मीनू के भाई अमरजीत मिश्र ने बताया कि मंगलवार की सुबह करीब पांच बजे चंदन के चाचा शंकर झा ने घटना की सूचना दी। मीनू की लाश आंगन में चापाकल के पास मिली। मौके से किरोसिन का डिब्बा भी मिला। सूचना मिलने पर भवानीपुर थानाध्यक्ष एके आजाद पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नवगछिया अस्पताल भेजा गया है। आरोपियों की तलाश में छापेमारी चल रही है।

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विदेश दौरे में पीएम मोदी के बयान पर राज्‍यसभा में हंगामा

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नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे में दिए गए बयान को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा। सांसद इतने गुस्से में थे कि सरकार विरोधी नारा लगाते हुए वे सदन के वेल में चले गए और बवाल मचाने लगे। हंगामें को देखते हुए राज्यसभा को स्थागित करना पड़ा।
सांसद नारा लगा रहे थे कि प्रधानमंत्री होश में आओ। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सरकार का पक्ष भी रखना चाहा लेकिन कोई उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं था। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में सरकार अल्पमत में है। यहां ज्यादातर सांसद विपक्षी पार्टी के ही हैं।

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पंजाब: किसानों ने किया रेल यातायात पूरी तरह ठप

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जालंधर। केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ राज्य के किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। किसान जत्थेबंदियों ने राज्य में रेल नेटवर्क पूरी तरह जाम कर दिया है। वे कल से ही रेल पटरियों पर जमे हैं। इसके कारण सबसे ज्यादा प्रभावित अमृतसर आने-जाने वाली ट्रेनें हुई हैं। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिल रही है कि किसानों का साथ देने के लिए राहुल गांधी भी वहां पर पहुंच सकते हैं।
शताब्दी एक्सप्रेस, सुपर फास्ट, दादर एक्सप्रेस, गरीब रथ समेत अधिकांश ट्रेनों को रेलवे को रद करना पड़ा। सचखंड एक्सप्रेस 14 घंटे बाद वाया गोइंदवाल अमृतसर पहुंची। रेलवे व प्रशासन के अधिकारी रेल नेटवर्क को सुचारू करने के लिए लगातार किसान जत्थेबंदियों से बात कर रहे हैं, लेकिन किसान पटरियों से हिलने को तैयार नहीं हैं। किसान जत्थेबंदियों ने धरनास्थल पर लंगर की भी व्यवस्था की है।

किसानों की मांगें :
किसान मंडियों में गेहूं खरीद को सुचारू बनाने व भूमि अधिग्रहण बिल को रद करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवार वालों को 10 लाख मुआवजे व एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग भी किसान कर रहे हैं।
यात्री परेशान
लुधियाना, जालंधर, अमृतसर आदि स्टेशनों पर यात्री परेशान हैं। घंटों के इंतजार के बाद अचानक ट्रेनें रद होने की सूचना से यात्री गुस्साए हुए हैं। रेल अधिकारियों व यात्रियों में झड़पें हो रही हैं। रेलवे ने टिकट रिफंड के लिए विशेष इंतजाम किया है। रेल यातायात कब सुचारू हो पाएगा, अभी इसके बारे में कोई भी रेल अधिकारी कुछ बता नहीं पा रहा।

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यूपी में फिर मौसम का कहर, बिजली गिरने से एक दर्जन की मौत

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यूपी में मौसम ने फिर बरपाया कहर, बिजली गिरने से एक दर्जन की मौत
लखनऊ। बेमौसम बारिश के बाद भूकंप के झटकों के अभी उत्तर प्रदेश के लोग उबर भी नहीं पाए थे कि आज तड़के तेज आंधी तथा बारिश फिर से कहर बन गई। बारिश के दौरान बिजली गिरने से एक दर्जन से अधिक लोगों ने दम तोड़ दिया तो आंधी-तूफान तथा बारिश के कारण जगह-जगह पर होर्डिंग तथा खंभे गिरने से लोगों की जीवन प्रभावित है। कहीं सड़क जाम है तो कहीं बिजली नहीं आ रही है।
प्रदेश में आज तड़के चार-पांच बजे तेज रफ्तार की हवा आंधी-तूफान में बदल गई। इसके बाद बारिश ने कोढ़ में खाज का काम कर दिया। बारिश के दौरान बिजली गिरने से प्रदेश में एक दर्जन से अधिक लोगों ने दम तोड़ दिया जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हैं।
एटा के साथ कासगंज के ग्रामीण क्षेत्र में मकानों की दीवार गिरने से किशोरी समेत चार लोगों की मौत हो गई। कई कई पशु भी मारे गए। आपदा प्रभावित गांवों में राजस्व विभाग की टीमें डेरा डाले हैं। सोरों क्षेत्र के गांव नगला लाले में खेत में झोपड़ी में सो रहे 19 वर्षीय अश्विनी पुत्र राधेश्याम, सोरों थाना क्षेत्र के ही गांव बढ़ौदरा में 16 वर्षीय विनीता पुत्री राम सिंह, पटियाली क्षेत्र के गांव शहवाजपुर में 50 वर्षीय किसान उदयवीर सिंह, सहावर क्षेत्र के गांव बाजनगर में राम बेटी 40 वर्ष पत्नी राजवीर और उनकी 15 वर्षीय पुत्री सुमन दीवाल ढहने से मलबे में दब गईं। सुमन की मौत हो गई, जबकि राम बेटी गंभीर घायल हैं। उन्हें अलीगढ़ रेफर किया गया है।
बरेली तथा आसपास के क्षेत्र में छह लोगों की मौत हो गई। बरेली के फरीदपुर के तरा खास गांव में एचटी लाइन का तार एलटी लाइन पर टूटकर गिर पड़ा। जिससे घरों में लगे बिजली के उपकरणों में तेज करंट दौडऩे लगा। करंट की चपेट में आने से किसान रामवीर सिंह (50) पुत्र आराम सिंह की मौत हो गई। कई घरों में पंखे, फ्रीज, कूलर आदि उपकरण जल गए। बहेड़ी के छंगाटांडा में छप्पर उड़ गया, जिसकी चपेट में आकर बुजुर्ग महिला रामदेई पत्नी सुखदेव की मौत हो गई। आंवला के गांव में दीवार ढहने से राजेश कुमार और बेटा बंटी जख्मी हो गये। बदायूं के सहसवान क्षेत्र के सादपुर गांव में दीवार गिरने से सीताराम पुत्र जुगेंद्र सिंह व सर्वेश पत्नी जुगेंद्र सिंह की मौत हो गई। सीताराम का पंद्रह वर्षीय पुत्र राजकुमार गंभीर रूप से घायल है। इसी क्षेत्र के भगता नगला गांव में यूकेलिप्टस का पेड गिरने से बरामदे में सो रहे भिखारी सिंह की दबकर मौत हो गई। उघैती क्षेत्र के बुधनगला गांव में दीवार गिरने से दस वर्षीय एक किशोर की मौत हो गई। आंधी-पानी से बिजली व सभी संचार व्यवस्था भी प्रभावित है।
इलाहाबाद तथा प्रतापगढ़ में तूफान कहर बनकर टूटा। आकाशीय बिजली गिरने से दोनों जिलों में तीन-तीन लोगों की मौत हो गई। इलाहाबाद में होलागढ़ थाना क्षेत्र के जमुनीपुर गांव के छोटेलाल की पत्नी राजकली 48 आकाशीय बिजली की चपेट में आ गईं। उनके साथ बछड़े की भी मौत हो गई। फूलपुर के चिरौरी गांव में पेड़ गिरने से यशोदा देवी 55 की मौत हो गई, जबकि पप्पू मिस्त्री व रामधन गंभीर रूप से जख्मी हो गए। थरवई के भिटिउरा गांव के तीर्थराज यादव की सात वर्षीय बेटी सुभांगनी की पेड़ गिरने से मौत हो गई। थरवई में आंधी से बारजा गिरने से मनीषा नामक युवती गंभीर रूप से जख्मी हो गईं। प्रतापगढ़ के सांगीपुर थाना क्षेत्र के सरपतहा पहाड़पुर गांव में ईट भ_े पर काम करने वाले पथेरों की झुग्गी पर आकाशीय बिजली गिरने से सात लोग लोग झुलस गये। इनमें कोमल (9) पुत्री गणेश और अनुपमा (22) पत्नी बबलू की सीएचसी लालगंज में मौत हो गई। मेघनाथ, कुंतीबाई, आइना, फूल कुमारी और सुशीला का इलाज चल रहा है। सभी छत्तीसगढ़ के हैैं। जिले में महेशगंज थाना अंतर्गत पुरमई सुल्तानपुर की सुमन देवी (55) पत्नी जगन्नाथ की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। लखनऊ में वजीरगंज क्षेत्र में रेवेन्यू बोर्ड के दफ्तर की दीवार गिरने से दो मजदूर घायल हैं।
इसके अलावा अमेठी में आकाशीय बिजली गिरने से शाहगढ के दो लोग शांति पत्नी श्याम लाल (65 ) व शानू पुत्र संतोष की मौत। घायल कोमल पुत्री विजय कुमार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रायबरेली के सरेनी थाना क्षेत्र के घूरेमऊ निवासी रामबाबू 25 की भी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। यहीं के के नसीराबाद थाना क्षेत्र के बभनपुर गांव मे आकाशीय बिजली गिरने से लोगों के घर के कपड़े के साथ टीवी आदि जल गया है। लखनऊ के पारा में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई है। घटना में एक व्यक्ति गंभीर है। हापुड़ में आंधी और तेज बारिश के चलते बहादुरगढ़ में छत पर सो रहे वृद्ध की गिरकर मौत हो गई है। प्रतापगढ़ के कुंडा के टिकुडिय़ा में तजे आंधी और बारिश से मकान की दीवार गिरी। इसमें एक युवक की मौत हो गई है जबकि एक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लखीमपुर खीरी के ईसानगर में तेज आंधी और बारिश से घर पर पेड़ गिरने से पांच लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जौनपुर के खुटहन में आकाशीय बिजली गिरने से किशोर की मौत हो गई। ïतूफान से एक स्कूल की जर्जर दीवार और टीनशेड गिरने से आधा दर्जन बच्चे घायल हैं। छुट्टी के आदेश के बावजूद स्कूल खुला था।

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नेपालः 4 दिन में 68 बार कांपी धरती, मृतकों की संख्या 4300 के पार

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नई दिल्ली। बीते शनिवार से अब तक भूकंप के करीब 68 झटके झेल चुके नेपाल में चारों ओर तबाही का मंजर है। मंगलवार तड़के फिर भूकंप के झटकों से नेपाल के लोग सहम गए। सोमवार सुबह भी काठमांडू में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप से नेपाल में अब तक मरने वालों की संख्या 4350 के पार पहुंच गई है। अकेले काठमांडू में मरने वालों की तादाद 1100 के आसपास जा चुकी है, जबकि, घायलों की संख्या 7,000 से ज्यादा हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में नेपाल के एक लाख आर्मी के सैनिकों ने भी कमान संभाला ली है।
युद्धस्तर पर बचाव कार्य
भूकंप के बाद रविवार रात से हो रही बारिश नेपाल ने हालात को बद से बदतर बना दिया। वहीं, काठमांडू सहित नेपाल के कई हिस्सों में बारिश से बचाव व राहत कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अभी भी मलबे में हजारों की संख्या में लोग फंसे हैं। नेपाल आर्मी व भारत की तरफ से राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय राहत दल भी बचाव के लिए नेपाल पहुंच गए हैं। भारत ने वायुसेना के 13 विमान राहत कार्य के लिए लगाए हैं। भारत की तरफ से एनडीआरएफ की 10 टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। कई भरतीय मेडिकल टीमों समेत कई मेडिकल टीमें भी घायलों को उपचार मुहैया करा रही हैं। वहीं, भारत से अलग-अलग मंत्रालयों के अधिकारियों की एक टीम नेपाल के लिए रवाना हुई है। इस टीम में गृह, रक्षा, विदेश व एनडीएम के अधिकारी शामिल हैं। यह टीम वहां राहत और बचाव के काम पर नजर रखेगी। गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव बीकेप्रसाद टीम की अध्यक्षता कर रहे हैं।
भूकंप से धराशायी नेपाल की अर्थव्यवस्था

राजनीतिक अस्थिरता से उबर पटरी पर आ रही नेपाल की अर्थव्यवस्था को शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप ने कई दशक पीछे धकेल दिया है। भूकंप के शक्तिशाली झटकों से आर्थिक हानि का आंकड़ा नेपाल के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से भी अधिक हो सकता है। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के शुरुआती अनुमान के अनुसार लामजुंग में आए 7.9 तीव्रता वाले भूकंप से नुकसान 10 अरब डॉलर तक का हो सकता है। इसमें कोडारी में रविवार को आए 6.7 तीव्रता वाले भूकंप से हुई तबाही को भी जोड़ लिया जाए तो नुकसान का आंकड़ा नेपाल की जीडीपी से अधिक हो सकता है। वर्ष 2013 में नेपाल का जीडीपी 19.29 अरब डॉलर था। 1934 के बाद यहां सर्वाधिक शक्तिशाली भूकंप आया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस भूकंप की मार से उबरने में नेपाल को कई वर्ष लग जाएंगे।
अपनी जगह से 10 फुट दक्षिण में खिसका काठमांडू
भीषण भूकंप से सिर्फ तबाही ही नहीं हुई बल्कि नेपाल में भौगोलिक बदलाव भी आए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार काठमांडू 30 सेकंड में अपनी धुरी से 10 फुट दक्षिण की ओर खिसक गया है। इसके साथ ही पृथ्वी के एक बड़े भू-भाग में भी बदलाव दर्ज किए गए हैं। वाडिया भू विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने नासा के हवाले से यह जानकारी दी है।
कंपन में 1689 परमाणु बमों के विस्फोट जितनी ऊर्जा

तीन दिन पहले नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप से सिर्फ इलाहाबाद ही नहीं तकरीबन आधा देश अनायास ही नहीं हिला। दरअसल धरती में दस किमी अंदर उतनी ऊर्जा बनी, जितनी 1689 परमाणु बमों को फोड़े जाने से बनती। इसीलिए शायद पृथ्वी के सामान्य होने की प्रक्रिया धीमी है और जब-तब कंपन हो रहा है।
300 ऑस्ट्रेलियाई लापता
नेपाल में भूकंप की त्रासदी में ऑस्ट्रेलिया के 300 से अधिक नागरिक लापता बताए जा रहे हैं। कैनबरा टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया के विदेशी मामलों और व्यापार विभाग की ओर से यात्रा पर गए 549 रजिस्टर्ड नागरिकों में से अब तक करीब 200 लोगों से ही संपर्क हो सका है। बाकी लोगों को कुछ भी पता नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री जूली बिशप ने कहा है कि सरकार ने नेपाल को 30 लाख डॉलर का सहायता पैकेज देने व लापता ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की खोज किए जाने के लिए आश्वस्त किया है।
पीएम मोदी की तारीफ
भूंकप से तबाह नेपाल की ओर तुरंत मदद का हाथ बढ़ाने वाले पीएम मोदी अपने ‘क्विक एक्शन’ के कारण छा गए। 7.9 तीव्रता वाले भूकंप के तुरंत बाद नेपाल व भारत के प्रभावित हिस्सों को लेकर बचाव दल भेजने के कारण संसद से लेकर सोशल मीडिया पर भी मोदी की तारीफ हो रही है। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा में सपा के सांसद राम गोपाल यादव ने केंद्र सरकार के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने नेपाल के लोगों और वहां फंसे भारतीयों को लेकर तेज एक्शन लिया। इसकी तारीफ की जानी चाहिए।
‘सेवा परमो धर्म’
सोशल मीडिया पर मिल रहे थैंक्स पर पीएम ने ट्वीट कर कहा कि जो भी थैंक्स कह रहे हैं, मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं, लेकिन असली धन्यवाद तो इस देश की संस्कृति का है, जो हमें सिखाती है सेवा परमो धर्म।उन्होंने ट्वीट में कहा कि यदि आप किसी को धन्यवाद देना चाहते हैं तो आप भारत की 125 करोड़ जनता को धन्यवाद दें। भारत के लोगों ने नेपाल के लोगों के दर्द को खुद का दर्द बना लिया और पूरा समर्थन दिया।
भूकंप पीड़ित नेपाल में विदेशी मुल्क भी भारत के सहारे
यमन के युद्धग्रस्त क्षेत्र से हजारों भारतीयों और कुछ विदेशियों को भी सकुशल निकाल लाने की भारत की प्रतिष्ठा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ गई है। भूकंप से पीड़ित नेपाल में राहत के साथ सबसे पहले पहुंचे भारत से स्पेन ने भी अपने नागरिकों को बचाकर निकालने की अपील की है, जबकि कुछ अन्य देशों ने भारत का एअर रूट इस्तेमाल करने का आग्रह किया है ताकि राहत पहुंचाई जा सके। हवाई जहाज और बसों के जरिए अब तक लगभग साढ़े पांच हजार लोग नेपाल से निकाले जा चुके हैं। इसमें से 30 विदेशी हैं। विदेश सचिव जयशंकर ने बताया कि स्पेन की ओर से आग्रह आया है कि उनके नागरिकों को भी निकाला जाए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही भारत ने यमन से भी भारतीयों समेत कुछ विदेशी नागरिकों को भी छुड़ाया था। उससे पहले इराक से भी कई भारतीयों को सकुशल निकाला गया था।
भूकंप पीड़ितों की मदद को बॉलीवुड सक्रिय
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप और भारी जानमाल के नुकसान से जूझ रहे पीड़ितों की मदद के लिए अब बॉलीवुड भी आगे आ चुका है। अभिनेता अनिल कपूर, दीया मिर्जा व वीर दास जैसे सितारों ने अपने प्रशंसकों और दोस्तों से नेपाल के भूकंप पीड़ितों की मदद को दिल खोलकर सहायता करने का आग्रह किया है।
रोजाना 6 रुपये से बचाएं तबाही का खर्च !
भूकंप ने मकानों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। अगर मकान भूकंप की चपेट में आ जाए तो क्या करेंगे? इसके लिए पहले ही मकान का इंश्योरेंस लिया जा सकता है जिसका रोजाना का इनवेस्टमेंट 6 से 12 रुपये तक होगा। अगर किसी प्राकृतिक आपदा में मकान को नुकसान पहुंचता है तो उसे दोबारा बनाने का खर्च आपको नहीं उठाना पड़ेगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आग व आपदा से सुरक्षा के मामले में 60 रुपये के प्रीमियम पर एक लाख रुपये का कवर मिल सकता है। इसमें मकान को प्राकृतिक आपदा व मानव निर्मित आपदाओं से सुरक्षा मिलती है। हालांकि जो लोग यह कवर ले सकते हैं, उनमें एक परसेंट से भी कम लोग इसका इस्तेमाल कर पाते हैं।
रोटी तो दूर, कफन भी मयस्सर नहीं

बेबसी का इससे अधिक आलम क्या हो सकता है कि पैसे बैंक में हैं लेकिन उसे निकालने का कोई रास्ता नहीं बचा। शाखाएं बंद हैं और एटीएम ठप। जरूरतमंद बहुत ज्यादा हैं और उपभोक्ता वस्तुएं कम हो गई हैं, लिहाजा कीमतें आसमान छू रही हैं। आपदा की इस घड़ी में नेपाल खासकर काठमांडू के लोगों को रोटी मिलना तो दूर लाशों को ढकने के लिए कफन तक नहीं है।
होम इंश्योरेंस का चलम कम
होम इंश्योरेंस में मकान को फिर से बनाने का खर्च कवर होता है। यह प्रॉपर्टी की कीमत के बराबर नहीं होता है। मकान का सामान्य ढांचा दोबारा खड़ा करने में 1800 रुपये प्रति वर्गफुट की लागत आती है। बेहतर कंस्ट्रक्शन में यह खर्च 3500 रुपये प्रति वर्ग फुट तक जाता है। 2000 वर्ग फुट के मकान के लिए 35-70 लाख रुपये तक इंश्योरेंस लिया जा सकता है। इतने के इंश्योरेंस का प्रीमियम लगभग 2100 से 4200 रुपये सालाना होगा। अगर पॉलिसी 10 साल या इससे लंबे वक्त के लिए लें तो यह प्रीमियम घट भी सकता है, क्योंकि इंश्योरेंस कंपनियां इस पर डिस्काउंट देती हैं। होम इंश्योरेंस के बजाय मकान के कंटेंट्स के लिए बीमा पॉलिसी लेना सस्ता पड़ता है।स्विस आरई की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल प्राकृतिक आपदाओं और इंसानी हरकतों के चलते होने वाली आपदाओं से एशिया में 52 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था, लेकिन इसमें से सिर्फ 10 परसेंट हिस्से की प्रॉपर्टी का ही बीमा हो रखा था।

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भाजपा संसदीय दल की बैठक जारी, कई बिंदुओं पर चर्चा

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नई दिल्ली। भाजपा संसदीय दल की हर मंगलवार को होने वाली बैठक सुबह करीब 10 बजे शुरू हो गई। इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कुछ स्थायी मुद्दों पर चर्चा की है। बैठक में भाजपा के सांसद और प्रवक्ता मौजूद हैं। इसमें अलग-अलग मुद्दों पर दिए जाने वाले बयानों को लेकर भी चर्चा हो रही है।
साथ् ही नेताओं ने भूकंप त्रासदी के कई पहलुओं पर चर्चा की। सांसदों को अपडेट रहने और तैयारी के साथ संसद में आने हिदायत दी गई है। वेंकैया नायडू और अरुण जेटली समेत कई नेता इसमें मौजूद रहे। सदन में तथ्यों के साथ प्रभावशाली तरीक़े से बात रखने के बारे में सांसदों को बताया गया। इसके साथ ही किसी भी प्रकार के नकारात्मक अभियान में न फँसने की सलाह दी गई। सरकार की उपलब्धियों को जनता तक कैसे पहुंचाएं, इस पर भी चर्चा हुई।

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कांग्रेस की किसान रैली से मिलेंगे कई संदेश, 1.5 लाख भीड़ जुटाने का दावा

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार मिल रही करारी हार से पस्त कांग्रेस पार्टी को केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल से संजीवनी मिलने की उम्मीद है। किसानों के बीच केंद्र के इस बिल को उनके खिलाफ साबित कर कांग्रेस अपनी खोई सियासी ताकत को दोबारा हासिल करने की जुगत में है और रामलीला मैदान में रविवार सुबह हो रही रैली पार्टी की इसी कवायद का प्रदर्शन है। रैली को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे। कांग्रेस के नेता रैली में डेढ़ लाख की भीड़ जुटने का दावा कर रहे हैं।
रैली को सफल बनाने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। इसके लिए रामलीला मैदान में तैयारी पूरी कर ली गई है। रैली स्थल पर की गई भव्य तैयारी को देखकर लग रहा है कि जैसे किसी पार्टी का अधिवेशन होने जा रहा हो। सुरक्षा के भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षा की निगरानी की जा रही है। वहीं, शनिवार शाम से ही एसपीजी ने रैली स्थल पर आम लोगों का आना जाना बंद कर दिया।
रैली से एक दिन पूर्व राहुल की किसानों से मुलाकत
लगभग दो माह तक अज्ञातवास में रहने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष को रैली के एक दिन पहले ही किसानों से मुखातिब करा दिया गया, ताकि यह न लगे कि यह किसान रैली का आयोजन राहुल गांधी के रीलांच के लिए किया जा रहा है। लेकिन राहुल गांधी के आसपास सचिन पायलट, अशोक तंवर और रणदीप सुरजेवाला सरीखे नेता छाए रहे। उससे यह संकेत जरूर मिल गया कि उनकी टीम में पुराने नेताओं के दिन लद गए हैं।
पहली बार संचालन नहीं करेंगे द्विवेदी
सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार कांग्रेस के किसी कार्यक्रम का मंच का संचालन पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी नहीं करेंगे। जनार्दन द्विवेदी की छवि राहुल विरोधी गुट के प्रमुख नेता के रूप में बन चुकी है। राहुल की नई सियासी पारी के आयोजन पर माइक दूसरे महासचिव दिग्विजय सिंह संभालेंगे। दिग्विजय सिंह को किसान आंदोलन का समन्वयक नियुक्त किया गया है।
परिवर्तन का संदेश
कांग्रेस की किसान रैली में लाख टके का सवाल यह है कि आज रामलीला मैदान में आख़िरी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया बोलेंगी या फिर उपाध्यक्ष राहुल गांधी। अभी तक समापन भाषण कांग्रेस अध्यक्ष का होता रहा है। मगर, जिस तरह राहुल को ड्राइविंग सीट पर लाया जा रहा है, उससे किसान रैली का समापन भाषण उनसे कराकर कांग्रेस में सत्ता परिवर्तन का संदेश दिया जा सकता है। संभावना है कि सोनिया अपने भाषण में भी कुछ संकेत दें।
रैली को किसान भी करेंगे संबोधित
रामलीला मैदान कांग्रेस की सियासी जमीन की वापसी के लिए जिस तरह से तैयारियां की गई हैंष उससे लग रहा है कि वह अपनी खोयी हुई जमीन को वापस पाने को बेताब है और कोई भी मौका चूकना नहीं चाहती है। इसके लिए कांग्रेस के मंच से किसान भी रैली को संबोधित करते नजर आएंगे। किसानों का कहना है कि वास्तविक समस्या को वे बेहतर तरीके से लोगों के सामने रख सकते हैं। इसलिए उन्हें भी मौका मिलना लाजिमी है।
नेताओं के लिए बनाए गए हैं दो मंच
रामलीला मैदान में होने वाली कांग्रेस की किसान रैली में शामिल होने वाले नेताओं के लिए दो मंच बनाए गए हैं। रामलीला मैदान के स्थायी मंच को विशेष तौर पर सजाया गया है। बताया जा रहा है कि सोनिया व राहुल इसी मंच से किसानों को संबोधित करेंगे। इसके दाहिने तरफ बड़ा मंच बनाया गया है। इस मंच पर कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। इन दोनों मंचों पर सोनिया गांधी व राहुल गांधी की तस्वीरें लगी हुई है। मंच के नीचे कांग्रेस नेताओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। इसमें तीन घेरे बनाए गए हैं। इनमें वर्तमान व पूर्व सांसद, मंत्री, विधायक व अन्य कांग्रेस नेता बैठेंगे।
लोक कलाकार बिखरेंगे जादू
रैली स्थल पर बनाए गए तीसरे मंच से लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति से किसानों का मनोरंजन करने के साथ ही भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में संदेश देंगे। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व दिल्ली सहित कई प्रदेशों का लोक कलाकार सुबह आठ बजे से अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करने लगेंगे।
रैली स्थल पर लगाए गए हैं एक दर्जन एलईडी स्क्रीन
रामलीला मैदान में चारो तरफ एक दर्जन एलईडी स्क्रीन लगाए गए हैं जिससे कि लोगांे को सोनिया गांधी व राहुल गांधी का भाषण सुनने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
रैली से लग सकता है जाम: रामलीला मैदान में कांग्रेस की किसान खेत मजदूर रैली में दिल्ली, हरियाणा समेत कई अन्य रायों से किसानों के भाग लेने की संभावना है। हजारों की तादात में कार्यकर्ताओं के आने की संभावना के चलते यातायात पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त संदीप गोयल ने बताया कि कुछ मार्गो को बंद किया गया है, जबकि कई को डायवर्ट किया गया है। जाम से बचने के लिए लोग सार्वजनिक साधनों का प्रयोग करे।
संदीप गोयल ने बताया कि रैली में आने के लिए लोग पहले राजघाट, माता सुंदरी रोड, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन या पार्किंग स्थल पहुंचेंगे। यहां से फिर पैदल रामलीला मैदान जा सकेंगे। रैली के चलते कनॉट प्लेस, जेएलएन मार्ग, राजघाट, मंडी हाउस, दिल्ली गेट, आसफ अली मार्ग, नेताजी सुभाष मार्ग आदि मार्गो पर जाम लग सकता है।

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सांसदों को पीएम ने पढ़ाया पाठ, बोले गरीबों में विश्‍वास पैदा करें

19_04_2015-19narendramodi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पार्टी के सांसदों को जमीनी स्तर तक पहुंचने और अपनी योजनाओं को सफल बनाने के लिए सफलता का पाठ पढ़ाया। पीएम मोदी अपने अभिभाषण में सांसदों को गरीबों के लिए बनाई योजनाओं को सभी तक पहुंचाने की जानकारी भी दी।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने सांसदों को सफलता का गुर सिखाते हुए कहा कि गरीबों में विश्वास पैदा कीजिए। हमें लोगों को बताना होगा कि पहले ऐसा था, हमने ऐसा किया। कुछ लोगों ने तय किया है कि सरकार के लिए कुछ अच्छा बोलना, देखना और सुनना नहीं है। ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं दें।
एक तरफ जहां आज कांग्रेस की किसान रैली है और दूसरी ओर पीएम मोदी अपने सांसदों को गरीब कल्याण योजनाओं के बारे में पाठ पढ़ा रहे थे। मोदी ने सांसदों को समझाते हुए कहा कि जमीन बिल पर आप लोगों की आंखों से आंख मिलाकर बात करें। हम किसी अखबार मालिक, चैनल मालिक या अंबानी के घर बनाने के लिए यहा काम नहीं कर रहे हैं। मेरी सरकार गरीबों की सरकार है। हमारे सारे निर्णय और नीतियां गरीबों के लिए है।
मोदी ने सबसे पहले मीडिया को धन्यवाद दिया और कहा कि मीडिया के द्वारा जिस तरह से संसद चलने के लिए जो दबाव बनाया, वो बहुत अच्छी बात है। इस बजह से संसद के कामों में सवा सौ फीसद बढ़ोतरी हुई है।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि इस बार का विदेश दौरे का मूल कारण मेक इन इंडिया के लिए पैसे जुटाना था। मेक इन इंडिया के लिए जर्मनी दौरा बेहद ही अच्छा रहा। फ्रांस रिएक्टर टेक्नोलॉजी देने के लिए सहमत हुआ है। ये हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि यमन में भारत का आॅपरेशन शानदार रहा। यमन से भारतीयों को निकालना कोई छोटा काम नहीं था। इस दौरान वीके सिंह और सुषमा स्वराज का काम सराहनीय रहा, हमें इन पर गर्व है। विश्व में भारत की विश्वसनीयता बढ़ी है।
पीएम मोदी ने सांसदों को गरीब कल्याण योजनाओं के बारे में पाठ पढ़ाते हुए कहा कि सांसद शौचालय का आंदोलन चलाएं। वो अस्पताल बनाकर वाहवाही लुटते हैं, हम शौचालय बनाकर लोगों का दिल जीतेंगे।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर बोलने पर हमें नोंचा जा रहा है। पिछले भ्रष्टाचार पर बोलना कोई गुनाह है क्या?
पीएम ने कहा कि चार लाख लोगों ने रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ दी है, यह अच्छा कदम है। सब्सिडी के बचे पैसे को सरकारी खजाने में नहीं डाला जाएगा, इससे बचने वाले पैसे से गरीबों को गैस मुहैया कराया जायेगा। सरकारी खजाने लुटाने से करीबों की जिंदगी नहीं बदलेगी।
सांसदों को सफलता का गुर सिखाते हुए मोदी ने कहा कि आप मनरेगा का भ्रष्टाचार उजागर कीजिए। गांव में रुपया ज्यादा आए और गांव के लोगों की खरीद शक्ति बढ़े। गांव की शक्ति बढ़ेगी तो शहर की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी।
संसद के बालयोगी ऑडोटोरियम आयोजित इस कार्यशाला का आगाज प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से हुआ। वहीं इस कार्यशाला के अंत में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सांसदों को संबोधित करेंगे। इस कार्यशाला में गरीबों के कल्याण से जुड़ी केंद्र की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।
इसके अलावा सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू और थावर चंद गहलोत समेत कई वरिष्ठ मंत्री विकास योजनाओं के बारे में अवगत कराएंगे। इस दौरान परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ पर एक प्रस्तुति देंगे जबकि स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एमपीलैड फंड के बारे में बताएंगे। भाजपा की बाद में सांसदों के निजी सचिवों और वैयक्तिक सहायकों के साथ भी ऐसी ही बैठक करने की योजना है।

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